प्रिय पाठको ओर भक्तो अपनी समस्याओ का निवारण जानने के लिये कृपया अपनी कुन्डली ओर एक फोटो हमे मेल करे। कुन्डली बनी हुई न होने पर कृपया अपनी जन्म दिनांक, समय तथा जन्म स्थान का उल्लेख करके एक फोटो स्वामी जी को इमेल करे । स्वामी जी का इमेल पता ये है kaishavswami@yahoo.com भक्तो के पत्रो की संख्या अधिक होने के कारण जवाब देने मे देरी हो सकती है आपसे निवेदन है की कृपया एक बार मे केवल एक ही प्रशन भैजे kaishavswami@yahoo.com

भूत प्रेत पिशाच वशीकरण साधना

ऊपरी बाधा निवारण उपाय- आपने कभी किसी के मुंह से तो सुना ही होगा कि अमुक व्यक्ति प्रेतबाधा से ग्रसित है | यह भी हो सकता है कि आपने कही पढ़ा हो | आपके मन में प्रश्न भी उठते होगें कि ऊपरी बाधा क्या होती है ? इस से क्या-क्या परेशानी होती है ? इसके लक्षण क्या होते हैं ? इससे कैसे बचा जा सकता है ? तो आपकी जानकारी के लिए हम आप को बता दे कि यह कुछ अदृश्य शक्तियां होती है | यह शक्तियां कमजोर ग्रह वाले व्यक्ति को  ज्याद प्रभावित करती है | इसके साथ ही साथ हम आपको यहाँ ऊपरी बाधा निवारण हेतु उपाय भी बतला रहें हैं | दरअसल यह शक्तियां जिन्हें हम भूत-प्रेत के नाम से जानते हैं असीम शक्तियों की मालिक होते हैं | उनकी जातियां भी अलग-अलग होती है | इन्हें प्रेत ,भूत ,चुड़ैल ,डाकिनी आदि नामों से भी पुकारा जाता है | इनकी सृष्टि कैसे होती है यह भी प्रश्न विचारणीय है | असल में  सृष्टि में जिसकी उत्पत्ति हुई है  उसका नष्ट होना भी निश्चित है | इसके बाद वह वापस उत्पन्न होता है और यह चक्र चलता रहता है | अगर इस प्रक्रिया से अलग कुछ होता है तो भूत प्रेत की उत्पत्ति होती है |

                                                               प्रेत पीड़ा से से ग्रसित व्यक्ति के लक्षण क्या होते हैं ?
1.  पिशाच पीड़ा से पीड़ित व्यक्ति कटु शब्दों का प्रयोग करता है | वह कमजोर हो जाता है | उसके शरीर से दुर्गंध आती है | वह बहुत ही गंदा रहता है | ऐसा व्यक्ति नगां होने से भी नहीं घबड़ाता | वह अचानक से कभी कभी रोने लगता है | इन्हें एकांत पसंद है |

2. भूत पीड़ा से पीड़ित व्यक्ति गजब शक्ति का मालिक हो जाता है | उसकी आंखें लाल वर्ण की हो जाती | शरीर में कंपन होता है | ऐसा व्यक्ति विक्षिप्त व्यक्ति की तरह बात करता है |

3. चुड़ैल पीड़ा से व्यथित व्यक्ति हमेशा मुस्कुराता है | इन्हें मांस खाना पसंद होता है |

4. प्रेत पीड़ा से ग्रसित व्यक्ति रोता है | चीखता चिल्लाता है और इधर उधर भी भागता है | वह कर्कश वाणी बोलता है | उसे किसी  की बात नहीं सुननी | वह सांस भी तीव्र स्वर से लेता है |

                                  जादू, टोना या भूत प्रेत बाधा से ग्रसित लोगों का जीवन दुखमय हो जाता है | अत: इसलिए इसका निवारण अत्यंत ही जरूर है | यहां पर हम आपके भूत प्रेत भगाने के उपाय बताने जा रहे हैं | ऊपरी बाधा निवारण  उपायों को आजमाने से इन बाधाओं से मुक्ति पाई जा सकती है | ये उपाय हैं–

1. श्री बजरंगबली की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर आस्था, पवित्रता और विश्वास के साथ भोजपत्र पर लाल रंग की स्याही या लाल चंदन से निम्नलिखित मंत्र लिखकर रोगी को ताबीज में धारण करा दे | मंत्र है -”ओम् हां हीं हूं हौं ह: सकल भूतप्रेत दमनाय स्वाहा |”

2. ज्येष्ठ नक्षत्र में अनार का बांदा घर के दरवाजे पर बांधने से बाधा दूर होती है |

3.  ८ काली मिर्ची के दाने और ८ तुलसी पत्ते रविवार के दिन पवित्र होकर कपड़े में लपेटकर रोगी के गले में धारण कराने से प्रेत बाधा से अवश्य मुक्ति मिलती है |

4. दो सफेद अपराजिता तथा जावित्री के पत्ते का रस बना लें | डाकिनी -शाकिनी की बाधा दूर करने के लिए शनिवार या मंगलवार को इस रस का नस्य ले ले |

5. घोड़े के खुर का नख अश्विनी नक्षत्र में ले कर रखें | भूत प्रेत भगाने के लिए इसे अग्नि में डाल कर रोगी को धूनी दे दे |

6.  एक अन्य मंत्र है-”ओम ह्वीं क्लीं कंकाल कपालिनी कुंडबरी आडंबरी भंकार घ: घ: |” रविवार के दिन नीम की पत्ती वाली टहनी से इस मंत्र को पढ़ते हुए भूत प्रेत ग्रसित व्यक्ति को झाड़ा लगाए | इसके साथ ही साथ नीम की सूखी पत्तियों की धुनी दे | इससे इस कष्ट से निवारण मिल जाएगा |

7. कमलगट्टा,काली मिर्ची, इंद्रवारुणी का पकाफल ले ले | इन सबको गाय के मूत्र में पीसकर सूंघने से भूत आदि की बाधा दूर होती है |

8. पुष्य नक्षत्र में सफेद घुँघची की जड़ को बालक के गले में बाँधने से डाकिनी से मुक्ति निलती है |

9.  मिश्री, दूध, घी,शहद. रक्तचंदन इन सबको मिलाकर पिलाने से भी प्रेत बाधा से मुक्ति पाई जा सकती है |

10   बिनौला, गोखरू, गोरखमुंडी इन तीनों को पीसे गाय का मूत्र में | अब रोगी को उसका धुँआ दे |

11. लहसुन के पानी में हींग को पीसकर रोगी के नाक में सूघांने से भूत-प्रेत का प्रभाव दूर होता है | इसे आंखों में काजल की तरह भी लगाया जा सकता है |

12.  रात को सोते वक्त रोगी के सिरहाने एक लोटा पानी रखें | सुबह उठकर इस पानी को रोगी के सिर से सात बार उतार कर घर से दूर किसी पीपल के वृक्ष में डालें | पूरे ७ दिन तक इस क्रिया को बिना किसी रूकावट के करें |

13.  मुर्गी का अंडा और एक पाव बाँकला रोगी के सिर से सात वार उतार कर उसे किसी दरिया में डाल दें | यह क्रिया रात को होनी चाहिए |

14.  एक पाव दही, लगभग ३०० ग्राम साबुत चावल, सवा गज कोरा सफेद कपड़ा में बाँध कर किसी मिट्टी की हंडिया में रखे | अब इसे रोगी के ऊपर से सात बार उतार कर घर से बहुत दूर किसी सुनसान स्थान पर मिट्टी खोदकर गाड़ दें |

15. सवा गज लाल कपड़ा, १ किलो तिल, १ किलो चावल, चांदी का ₹१ ले | सभी सामानों को किसी हांडी में डालकर रोगी का उतारा करें | इसके बाद हांडी को बहते दरिया के किनारे रख दें |

भूत प्रेत पिशाच वशीकरण साधना - भूत प्रेत सिद्धि मंत्र– “ह्वैं हूं प्रेत प्रेतेश्वर आगच्छ आगच्छ  प्रत्यक्ष दर्शय दर्शय फट |”
                रात को ११बजे के बाद शमशान में दक्षिण दिशा की तरफ काले वस्त्र और आसन के साथ यह क्रिया करें | इस क्रिया में एक मिट्टी का दिया, काजल ,चावल, सरसों का तेल ले |  सफेद वस्त्र पर काले काजल से पुरुष की आकृति बनाए | वस्त्र को चावल के ऊपर स्थापित करें | आकृति में हृदय पर प्रेत सिद्धि गोलक स्थापित करें और उसे देखते हुए मंत्र का जाप करें | साधना समाप्ति के बाद गरीबों में लड्डू बांटे और सफेद वस्त्र और जो सामग्री बची हुई है उसे जल में प्रहावित कर दे |


No comments:

Post a Comment

Comment Here For Gurudev Gorakh Nath
Apni Samasyao Ko Vistar Se Likha Kar Mail Kare Mail Kare With Your Photo and Kundilini

More Tantra Mantra Sadhnaye

इस स्थान पर दिये जा रहे प्रयोगों का अपना आध्यात्मिक महत्त्व है, जो आस्तिक अर्थात् ईश्वर में विश्वास रखने वाले व्यक्तियों के लिये है। गुरु का आध्यात्मिक जगत में सर्वोपरि स्थान है, इसलिये किसी भी प्रयोग को करने से पुर्व गुरु का अथवा विज्ञजन का आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन नितांत आवश्यक है। इससे केवल साधना में सिद्धि शीघ्र मिलती है, अपितु अज्ञात् सहायता भी मिलती है। इसी क्रम में यहां दिये जा रहे प्रयोग पूर्णतया निरापद है, लेकिन फिर भी किसी विज्ञजन अथवा गुरुजन से पूर्व अनुमति श्रेयष्कर रहेगी। प्रयोग सम्बन्धित किसी भी शंका के लिये निःसंकोच स्वामी जी से सम्पर्क​ किया जा सकता है। शंका-निवारण का पूर्ण प्रयास किया जायेगा।“ kaishavswami@yahoo.com